एक बाइक सवार की तड़पती आत्मा की कहानी  Ghost stories in hindi | Horror story in hindi | इस  दुनिया में  बहुत से ऐसे किस्से सच हुए है जो सिर्फ हम अपने बढ़े-बुजुर्गो से सुनते आये है जो काफी हद्द तक सच भी हुए है, जहा किसी का होना महसूस हुआ है, पर ये एक एहसास ही है। जिसमे में हम किसी शक्ति की या अदृश्ये शक्ति के मौजूदगी का पता चलता है, तो वैसे ही एक सच्ची घटना पर आधारित Real Haunted Story आपके लिए आये है।

Haunted Story

नमस्कार दोस्तों आज मैं आपके लिए लेकर आया हूं एक नई कहानी जो कि एक असली घटना (horror story) पर आधारित है। यह घटना है दिल्ली के तिलक मार्ग की। कृपया करके कमजोर दिल वाले इस कहानी को अकेले ना पड़े खासकर रात के समय आइए जानते हैं उसकी असली कहानी। 


कई साल पहले जब राजकुमार मेहरा दिल्ली के तिलक मार्ग स्थित राजधानी कॉलेज में छात्र थे, वहां पर एक अफवाह हुआ करती थी कि तिलक मार्ग दिल्ली के सबसे भूतिया स्थानों में से एक है। जब राजकुमार मेहरा ने एक ऑन कैंपस पत्रिका शुरू की, तो वह कहानियां कॉलेज की मैगजीन में लिखने लगे। वह जब भी कोई भूत की नई कहानी प्रकाशित करते थे, तो उनके मन में एक विशेष कहानी चलती रहती थी, वह कहानी थी तिलक मार्ग के भूत की कहानी जो एक सच्ची घटना पर आधारित थी। अब राजकुमार मेहरा जी अपनी पत्रिका में कुछ भूतिया कहानी को प्रकाशित करना चाहते थे, लेकिन उससे पहले राजकुमार मेहरा ने इसकी सच्चाई जाननी चाही।


आज से लगभग चार-पांच साल पहले दिल्ली के इस हिस्से में एक युवक (गगन) एक युवती (प्रियांशी) को डेट कर रहा था। लड़की के माता-पिता को उन दोनों का रिश्ता मंजूर नहीं था, इसीलिए लड़की का प्रेमी गगन हर रात अंधेरे की आड़ में लड़की से मिलने चला जाता था।


अपने मम्मी पापा के सोने के बाद प्रियांशी अपने घर से चोरी चुपके निकल जाती थी और अपने मम्मी पापा की कार की तीन बार लाइट जलाती थी। तब उसका प्रेमी गगन सड़क पर अपनी मोटरसाइकिल लेकर आ जाता था।

एक रात गगन प्रियांशी से मिलकर अपने घर की ओर जा रहा था, अपने घर के पास एक मोड़ पर उसने अपनी मोटरसाइकिल थोड़ी तेजी से मोड़ ली। थोड़ा तेज  मोड़ लेने के कारण उसका एक्सीडेंट हो गया और वह अपनी बाइक से गिर गया और रोड के डिवाइडर से उसका सिर टकरा गया, उसके सिर पर बहुत गहरी चोट लगी थी, उसकी हालत इतनी गंभीर थी कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।


गगन के दुनिया से चले जाने के बाद आज भी माना जाता है कि वह अपने प्यार की तलाश में तिलक मार्ग रोड पर रात के समय अपनी उसी पुरानी मोटरसाइकिल से निकलता है और इधर-उधर भटकता है। कई लोगों ने बिना बाइक सवार के मोटरसाइकिल चलते हुए देखने का दावा किया है।


राजकुमार मेहरा की शादी अब उसी लड़की प्रियांशी से हो चुकी थी जो पहले एक्सीडेंट में मारे गए लड़के गगन की प्रेमिका थी। यह कहानी खुद राजकुमार मेहरा की पत्नी प्रियांशी ने ही उन्हें बताई थी। राजकुमार के अंदर सच जानने की जिज्ञासा थी, सच्चाई पता करने के लिए राजकुमार और उसकी पत्नी प्रियांशी ने एक रात वहां जाने का फैसला किया। वह दोनों जानना चाहते थे कि क्या यह सच है कि उसका प्रेमी गगन आज भी रात में अपनी बाइक से आता है। लेकिन प्रियांशी के मन में एक डर सता रहा था कि अगर यह सच है तो कहीं गगन राजकुमार या उसे नुकसान न पहुंचाएं।


राजकुमार और प्रियांशी दोनों ने  उसी स्थान पर अपनी कार पार्क कर दी जहां पहले प्रियांशी रात मे कार की हैडलाइट जलाया करती थी, दोनों रात के 12 बजने का इंतजार करने लगे। राजकुमार मेहरा और प्रियांशी दोनों डर भी रहे थे और उनके अंदर सच्चाई जानने की जिज्ञासा भी थी। वो सोच रहे थे , कि यह सच हुआ तो क्या होगा??


कहीं लोगों की कही बातें सच हुई तो? डर के मारे प्रियांशी कांप रही थी। उस रात जैसे ही 12:00 बजे प्रियांशी ने अपनी कार की हेडलाइट तीन बार जलाई। कुछ ही देर में उस काली अंधेरी रात मे उस सुनसान रोड पर एक बाइक सामने से आती दिखी। जिसकी तेज रोशनी दूर से ही देखी जा सकती थी।

बाइक की लाइट देखकर दोनों की हालत खराब हो गई। अब वो दोनों वहा से तुरंत जानने का फैसला लेते है। जैसे ही वह कार स्टार्ट करके मेन रोड पर आते हैं उनके सामने कुछ ही दूरी पर बाइक उनकी तरफ आ रही थी।

बाइक को अपनी तरफ आता देख दोनों की आंखें फटी की फटी रह गई। वह साफ देख सकते थे की बाइक तो चल रही है लेकिन उसको चलाने वाला बाइक सवार नजर नहीं आ रहा रहा है। इसके बाद राजकुमार मेहरा ने अपनी कार के हेड लाइट जला दी और वहां से तेज गति से आगे जाने ही वाले थे कि सामने देख रही बाइक वहां से अचानक गायब हो गई।


उसके बाद दोनों इतना डर गए की इधर उधर देखने लगे लेकिन अब उन्हें वहां पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। वो दोनों अब वहां से चलने वाले थे की ऐसा लगा मानो उनकी कार के ऊपर कोई कूद गया हो, राजकुमार ने अब 1 सेकंड में वहां रुकना सुरक्षित नहीं समझा और तुरंत कार की स्पीड बढ़ा कर आगे बढ़ने लगा। 

थोड़ी दूर जाने के बाद जब कार के साइड मिरर पर तेजी से उनकी तरफ एक बाइक आती दिखी, तो अब राजकुमार मेहरा और प्रियांशी डर के मारे पसीने से तरबतर हो चुके थे। 


अचानक राजकुमार मेहरा को सामने एक हॉस्पिटल का बोर्ड दिखाई दिया, तो राजकुमार ने कार की स्पीड बढ़ा दी और सीधा हॉस्पिटल के अंदर जाकर रुका और फिर दोनों कार से बाहर आकर हॉस्पिटल के अंदर की तरफ भागे, जब वे दोनों भाग रहे थे तो राजकुमार का पैर किसी ने पकड़ कर उन्हें गिरा दिया और प्रियांशी को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया हो, प्रियांशी हिम्मत करके जैसे तैसे अपने आप को छुड़ाया और राज मेहरा का हाथ पकड़ के उसे खड़ा किया।


हॉस्पिटल के अंदर जाते ही वह बाइक अब दिखाई देनी बंद हो गई थी। उसके बाद दोनों ने हॉस्पिटल के स्टाफ को पूरी कहानी सुनाई और उनसे रात में वहीं रुकने की रिक्वेस्ट की। हॉस्पिटल स्टाफ ने उन दोनों की हालत देख उन्हें वहां रुकने की इजाजत दे दी। और जब सुबह हुई तो राजकुमार और प्रियांशी दोनों डरते हुए अपनी कार के पास आए और आसपास भीड़ देखकर अपनी कार में बैठकर सीधा अपने घर को निकल गए। 


उसके बाद उन दोनों ने कभी भी रात के समय तिलक मार्ग की तरफ जाने की हिम्मत नहीं की। अगले दिन जब कॉलेज खुला तो राजकुमार ने पूरी कहानी अपनी कॉलेज पत्रिका में प्रकाशित की

दोस्तों यह थी आज की सच्ची कहानी। हमें उम्मीद है आपको यह असली भूतिया कहानी पसंद आई होगी।